19 साल की उम्र में बनी 6 बच्चों की मां, खाने के पड़ गए थे लाले, इस टीवी हसीना का छलका दर्द

टेलीविजन की जानी-मानी एक्ट्रेस शफक नाज अपनी एक्टिंग की वजह से काफी ज्यादा पसंद की जाती हैं और आपको बता दें कि उनकी खूबसूरती भी बेहद लाजवाब है. लेकिन उन्होंने अपने शुरुआती करियर में काफी ज्यादा दिक्कतों का सामना किया और काफी स्ट्रगल भी किया. उन्होंने मुंबई में सरवाइव करने के लिए काफी मेहनत की और उनके साथ उस दौरान उनकी बहन फलक भी थी.

जानकारी के लिए आपको बता दें कि अपने स्ट्रगल के दिनों को याद करते हुए हाल ही में शफक नाज ने पिंकविला को एक इंटरव्यू दिया और वहां पर बताया कि “मैंने और मेरी बहन ने काफी उतार-चढ़ाव देखे. हम दोनों मुंबई साथ में आए. अगर उस समय मेरी बहन मेरे साथ नहीं होती तो शायद मैं मुंबई में सरवाइव नहीं कर पाती. वह मेरी ताकत बनी. एक वक्त ऐसा भी आया जब हमारे पास में खाने के पैसे नहीं थे. हम लोग मास्टर जी यानी कि सरोज खान के पास जाया करते थे. पोहे बनाकर लेकर जाते थे और जब भूख लगती थी तो पूरा दिन नहीं खाते थे. हम लोग ऑडिशन भी देने जाते थे. हमने वह पूरा स्ट्रगल देखा और हमने एक दूसरे को हर वक्त सपोर्ट भी किया. उस समय शीजान काफ़ी छोटा था.”

19-20 साल की उम्र में 6 बच्चों की मां का निभाया रोल

महाभारत में माता कुंती का किरदार निभाने पर शफक ने इंटरव्यू में आगे कहा कि “मैंने उस समय बिल्कुल भी नहीं सोचा था. मुझे इस बात का कोई भी आईडिया नहीं था कि किस तरीके के प्रोजेक्ट का हिस्सा बनना चाहिए. मैंने महाभारत के लिए साइन किया तो मुझे बहुत सारे लोगों ने यही पूछा कि महाभारत किया क्यों था? 19 से 20 साल की उम्र में आप 6 बच्चे की मां का रोल निभा रही हो. कोई इतना बड़ा रिस्क कैसे ले सकता है. टीवी में कई बार टाइपकास्ट हो जाते हैं. मैंने कभी भी कुंती के किरदार को मां के नजर से देखने की कोशिश नहीं की. महाभारत मेरे लिए एक इमोशन है.”

नानी के निधन के बाद एक्ट्रेस को 2 साल तक रहा डिप्रेशन

अगर हम शफक के करियर पर नजर डालते हैं तो आपको बता दें कि उन्होंने साल 2010 में इंडस्ट्री में एंट्री मारी थी और कई सारे सीरियल्स में भी काम किया था. यहां तक कि उनका बैक थ्रू रोल महाभारत में नजर आया था, जिसमें उन्होंने कुंती का किरदार निभाया था. उस समय वह महज 19 से 20 साल की थी. इतना ही नहीं आपको बता दें कि शफक अपने नानी और मामा के साथ में बड़ी हुई. लेकिन नानी के निधन के बाद में वह 2 साल तक डिप्रेशन में चली गई. उनकी नानी के साथ उनका ऐसा रिश्ता था कि वह उन्हें अम्मी कहकर बुलाती थी.