जिस टीचर को राखी बांधी वही स्टूडेंट्स की ब्रा का स्ट्रेप पकड़कर खींचता था, जब तारक मेहता की बबीता जी ने सुनाई आपबीती

शो तारक मेहता का उल्टा चश्मा की बबीता जी को देख कर जेठालाल खूब आहें भरते हैं, जिसका बेशक बबीता जी को पता न हो। लेकिन बबीता जी का किरदार निभाने वालीं एक्ट्रेस मुनमुन दत्ता की जिंदगी में ऐसी कई घटनाएं घटी हैं जब उन्हें इस बात का अंदाजा हुआ हो कि उनके साथ कुछ गलत हो रहा है। तारक मेहता की एक्ट्रेस ने अपने साथ हुई इस तरह की कई घटनाओं का जिक्र किया था। अपना हाल-ए-दिल औऱ दर्द बताते हुए एक्ट्रेस ने एक बार बताया था कि उनका एक ट्यूशन टीचर था जो छोटी बच्चियों के साथ बदतमीजी किया करता था।

जब तारक मेहता की बबीता जी ने सुनाई आपबीती

एक्ट्रेस ने मीटू मूवमेंट के दौरान ये सारी बातें बताई थीं जो बरसों से उनके मन में ही थीं, जिसे उन्होंने कभी किसी के सामने नहीं रखा था। एक्ट्रेस ने बताया था- ‘ऐसा कुछ लिखते हुए मेरी आंखों में आंसू आ रहे हैं। मैं उन्हीं यादों को जी रही हूं, जब मैं अपने करीब रहने वाले अंकल से बहुत डरती थी। क्योंकि उन्हें जब भी मौका मिलता था तो वो मुझे अपने आलिंगन में जकड़ लेते थे। वह मुझे धमकी देते थे कि मैं इस बारे में किसी को भी न कहूं।

उन्होंने आगे लिखा था- ‘या मुझसे उम्र में कई ज्यादा बड़े कजिन जो अपनी बेटियों से अलग तरह की निगाह से मुझे देखते थे। या वो आदमी जिसने मुझे अस्पताल में पैदा होते हुए देखा था और बाद में जब मैं 13 साल की थी तो उसने मुझे छूना सही समझा। क्योंकि तब तक मैं एक टीनएजर थी और मेरे शरीर में बदलाव हो रहे थे। या वो ट्यूशन टीचर जिसने मुझे नीचे हाथ लगाया था। या वो टीचर जिसे मैंने राखी बांधी थी। जो अपनी फीमेल स्टूडेंट्स को उनकी ब्रा का स्ट्रेप पकड़ कर खींचता था और लड़कियों के स्तन पर थप्पड़ मारता था।’

‘या ट्रेन में मिला वो आदमी जिसने तुम्हें जकड़ लिया था। क्यों? क्योंकि आप इतनी छोटी थीं, डरी हुई थीं औऱ कुछ कह नहीं पाईं। आपके पेट में अजीब से मरोड़े उठ रहे थे और गला सूखा जा रहा था। आप समझ नहीं पातीं कि अपने पेरेंट्स को कैसे बताएंगी। शर्म के मारे आप ये किसी को बता ही नहीं पाती हैं। तब आपके अंदर मर्दों को लेकर एक अजीब सी नफरत पैदा होने लगती है। क्योंकि आपको लगता है कि यही वह अपराधी है जिसकी वजह से ये सब आपको महसूस करना पड़ा। इससे बाहर आने में आपको सालों लग जाते हैं।

मुनमुन ने कहा था कि ‘मैं गर्व महसूस कर रही हूं कि मीटू के इस कैंपेन से मैं जुड़ी हूं। आवाज बनी हूं औऱ लोगों तक ये संदेश पहुंचा रही हूं कि मेरे साथ भी ये सब गुजर चुका है।